।। बच्चों के खेल ।।
बच्चे
देखे गए सपनों से
निकालते हैं नए सपने
निकालते हैं नए सपने
जैसे
उसी कपड़े से निकालते हैं धागा
फटे के रफू के लिए ।
बच्चे
मोर पंख में
देखते हैं मोर
और पिता में परमपिता ।
पिता ही परमेश्वर
और माँ सर्वस्व ।
काग़ज़ की
हवाई जहाज की फूँक उड़ान में
उड़ते देखते हैं अपने स्वप्नों का जहाज ।
रेत के घरौंदे में
देखते हैं अपना पूरा घर ।
वे
खेल खेल में
खेलते हैं जीवन
और
हम सब
जीवन में खेलते हैं खेल ।
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