।। मौन प्रणय ।।
मौन प्रणय
शब्द लिखता है
एकात्म मन
उसके अर्थ
मुँदी पलकों के
एकांत में
होते हैं स्मरणीय स्वप्न
प्रेम
अपने में
पिरोता है स्मृतियाँ
स्मृतियों में प्रणय
प्रणय में शब्द
शब्दों में अर्थ
अर्थ में जीवन
जीवन में प्रेम
प्रेम में स्वप्न
प्रणय रचे
शब्दों में
सिर्फ़ प्रेम होता है
जैसे सूर्य में
सिर्फ़ रोशनी और ताप
('भोजपत्र' शीर्षक कविता संग्रह से)
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