।। अनोखे शब्द ।।
समुद्र-पार की उड़ान से पहुँचा है
भारी हैं उसके पंख
अलौकिक है प्रेम
जो समर्पित होता है
समुद्री दूरी के बावजूद
प्रतीक्षित और विरल
जीवन-स्पर्श के लिए
तुम्हारे-अपने संबंधों के लिए
रची है मैंने
एक अनूठी भाषा
जिसके शब्द
रातों की तनहाई
और नींदों के सपनों से बने हैं
खुली आँखों में
सपनों का घर है
आँखों के पाँव
पहचानते हैं हृदय का रास्ता
काँच हुई देह पर
गिरते हैं ओठों के बूँद-शब्द
पिघलता है रंगों का सौंदर्य
अकेलेपन की आग में
स्मृतियों की गीली रेत पर
चलती हैं अधीर आकांक्षाएँ
अभिलाषाएँ
वेनेजुएला के राष्ट्रीय पुष्प-वृक्ष
'ग्रीन हार्ट' का पर्याय नहीं है
जो सिर्फ एक दिन के लिए
हवाओं में खिलता है
अपनी साँसों में
और जीता है जीवन सौंदर्य-बोध के लिए
तुम्हारा अपना प्रेम
हवाओं में खिलता है
अपनी साँसों में
और जीता है जीवन सौंदर्य-बोध के लिए
तुम्हारा अपना प्रेम
अलौकिक प्रणय-नदी का
लौकिक तट
तटबंध हैं मैं और तुम
पूर्णिमा का सौंदर्यबोधी चाँद
मन भीतर पिघलकर
रुपहला समुद्र बनकर
समा जाता है
आँखों की पृथ्वी में
अपनी जगह बनाते हुए
महासागर की तरह
चमक चाँदनी के रुपहले डोरों से
मन बुनता है सारी रात
अपने लिए सुहाग-चूनर
तुम्हारे लिए सुहाग-साफा
('रस गगन गुफा में अझर झरै' शीर्षक कविता संग्रह से)
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